जय जय हिन्दी
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_विषय:-बहर:-1222,1222,1222,1222_
_काफ़िया:- आती_
_रदीफ़:- हैं_
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सुखद एहसास है बचपन,हवाएँ गीत गाती हैं।
कभी अर्चन कभी पूजा,घटाएं गुनगुनाती हैं।
कभी झूला झुलाया था,बहन ने याद है अब तक,
उसी की लोरियाँ मन में,नवल संगीत पाती हैं।
खिलौने आज तक मैंने,रखे हैं प्यार से बहना,
बहुत ऊदास है गुड़िया,परी आंसूं बहाती हैं।
चली तुम क्यों गई दीदी,छुड़ाकर उंगलियाँ मेरी,
तुम्हारी याद है आती,तुम्हे राखी बुलाती है।
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_शीतल प्रसाद_
✉ _उकवा,बालाघाट(म.प्र.)_
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