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*मुक्तक*
*[२२१~२१२२-२२१~२१२२]*
मेरा कसूर क्या है,बस प्यार ही किया है।
करता सदा जमाना,इजहार ही किया है।।
मुस्कान देख उसकी,घायल करें जिगर को।
उसने अभी अभी तो,इकरार ही किया है।।
नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत "
छतरपुर ( मध्यप्रदेश )
सम्पर्क सूत्र:- 8109643725
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