आईए हम सीखते हैं 1 क्या है 2 किसे कहते हैं। जो वर्ण बिन मात्रा के हो या जिस पर छोटी मात्रा हो उसे 1 कहा जाता है जैसे क कि ल लु स सँ भ आदि। अब जो वर्ण बोलने मे समय ले या बडी मात्रा हो साथ या छोटी मात्रा के साथ ऊपर बिंदी हो उसे २ कहते हैं जैसे आ ए ज़िं बा ई ओ औ अं सिं सुं आदि ऐसा कोई भी वर्ण हो
अब आते हैं अर्ध वर्ण पर अगर पहले आए तो गिना नहीं जाता बाद में आए तो अपने से पहले 1 को 2 कर देता है और अगर आगे पहले से २ हो तो कोई फ़र्क नहीं पडता जैसे स्वर ११ व्यवस्था१२२ इच्छा२२ प्यार२१ भ्रम११ वज्र२१ प्रसन्न१२१ कृपा १२ आदि
कोई शंका हो तो पूछ सकते हैं जी
अब आते हैं दो मात्रिक वर्णों पर जो अपने आप में आधा वर्ण छुपाए होते हैं जैसे क्षश्र ज्ञत्र द्य यह अगर पहले हों या इनपर छोटी मात्रा हो तो ये १ रहते हैं अगर किसी १ के पीछे आ जाएँ तो उसे २ बना देते हैं जैसे यज्ञ २१ अब कैसे यग्य आरक्षण २२२ आ रक् शण क्षमा१२ मोक्ष २१ मित्र २१ विद्या२२ समक्ष १२१ आदि
अब आते हैं गज़ल की तरफ इसमें ११ को= २ गिना जाता है जैसे सब २ अपना२२ निसदिन २२ बदमाशी २२२ साजन२२ पल२ पलछिन२२ आदि
अब आते हैं उन शब्दों पर जिनमे तीन लघु हों जैसे अटकलें अब इस का मात्रा भार उच्चारण से तय होगा अट क लें 212 जैसे बरसता अब ब रस ता आदि
चलिए आगे पढते हैं और आते हैं अपवादित शब्दों पर कल जो पढा उस से उलट हैं जैसे उन्हें तुम्हें तुम्हारी कुल्हाडा आदि ऐसे शब्द हैं जो आधे वर्ण को धारण नहीं करते उन्हें 12 तु1म्हें2 तु 1 म्हा2 री2 कु1ल्हा2ड़ा2 यह सब उच्चारण से समझ सकते हैं
अब आते हैं उन वर्णों पर जो बह्र मुताबिक मिश्रित हो सकते हैं उर्दू में इसे अलीफे वस्ल कहा जाता है जैसे अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ । उदाहरण देखें , शब-ओ-रोज़ । अब गायन में। शबो रोज़ । गाया जाएगा । खत उसका , खतुसका ।गाया जाएगा , हर एक। हरेक । बस इक को बसिक .सर-ए-आम को सरे आम आदि लेकिन बह्र मुताबिक
अब आते हैं उन शब्दों पर जो दो 2 के बीच अर्ध आने पर खुद 1 हो जाता है जैसे रास्ता दोस्ती राब्ता यह 212 हैं अगर रस्ता लिखें तो 22 अगर दोस्त लिखें तो 21 यहां तक तो हुई मात्रा ज्ञान की जानकारी अब कुछ खास बातें भी जान लें लेखन से पहले
अब आते हैं मात्रा पतन पर जो खास है। जो वर्ण 2 है उसे गज़ल मे गिरा कर 1 लेने की छूट दी गयी है लेकिन जो 11 से 2 बना होया जो अर्ध वर्ण से जुड कर 2 बना हो उसे नहीं गिराया जा सकता या जो किसी धर्म से जुडा शब्द है या कोई पूजनीय हो या नाम हो या गुरू हो या माँ हो उनपर मात्रा पतन वर्जित है जैसे दीवाली ईद राजन हीरा किसी का भी नाम हो
अब आते हैं गज़ल या छंद की रीड की हड्डी यानि काफ़िए पर तो काफ़िए 3 प्रकार के होते हैं उच्य मध्य और निम्न
उच्य :- निभाएगा जताएगा सुझाएगा बुझाएगा सताएगा कहाएगा आदि
मध्य :- देगा बुझेगा सहेगा कहेगा दिखेगा आदि
निम्न :- बहा दिखा जला खुदा आदि
या दिखे उडे बढे कहे मिले आदि
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