Wednesday, May 15, 2019

बरवै छंद सोम जी


*विषय*

*बरवै छंद*
शिल्प~[सम पदों में12 मात्राएँ विषम
             पदों में 7 मात्राएँ]

हे   दामोदर    दुखहर  ,  दीनदयाल।
भव भेषज भयहारी,भजत भुआल।।
नैनन  नटखट  नटवर ,यशुदा  लाल।
द्रवहुँ दयानिधि मो पर, होहुँ कृपाल।।

मनभावन  मधुसूदन  , हे  जगपाल।
माधव  मोहन  मानस , मंजु मराल।।
केशव गिरिधर करदो,मोहिं निहाल।
"सोम"श्यामसुन्दर जू,लेहुँ सम्हाल।।
               *~शैलेन्द्र खरे"सोम"*

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