आत्मतत्व को जानिए, ब्रह्मा, विष्णु, महेश ।
यह ही सारा विश्व है, और नहीं कुछ शेष ।।
और नहीं कुछ शेष ,प्रकृति सहयोग जरूरी ।
उसके बिना न होय , किसीकी इच्छा पूरी ।।
कह"अनंग"करजोरि,समझ इसके महत्व को।
रहता सबमें व्याप्त,समझिए आत्मतत्व को।।
अनंग पाल सिंह भदौरिया"अनंग"
आप सभी के लिए एक नये रूप में। साहित्यिक सांस्कृतिक सामाजिक जानकारी। प्रदेश अध्यक्ष नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत " विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत छतरपुर ( मध्यप्रदेश )
Monday, May 20, 2019
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