Wednesday, May 15, 2019

भालचंद्र छंद ओम जी

*गुरुजी को जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ*

*सदैव आपकी कृपा बनी रहे गुरुजी।*

*◆ भालचंद्र छंद ◆*
विधान~
[जगण रगण जगण रगण जगण+गुरु लघु]
(121  212 12     1  212  121 21)
17 वर्ण, 4 चरण,  दो-दो चरण समतुकांत।

शतायु हों  निरोग हों  रहें  सदैव  आप  साथ।
प्रभात  के समान ही  प्रकाश  दें  सदैव  नाथ।।
कृपालु  पुण्य हैं फले  रखें  दयालु  माथ  हाथ।
बखान  में  समर्थ  हूँ  नहीं झुकाउँ नित्य माथ।।

कृपानिधान आपकी  कृपा  बनी  रहे   महान।
विराटता     महानता  गुणें  सदा  सदा जहान।।
सदैव आप  ही  मिलें  यही  सुकामना  विशेष।
प्रणाम  आपको करूँ  हजार  लाख  और शेष।।

सुहावने       लुभावने  रचें  अपार   छंद  आप।
सुजान  से  विधान से   हिया बने  ललाम छाप।।
नवीन   कल्पना   भरे  विराट  ज्ञान  का प्रपात।
उजास  से   भरे   लगें  लगा अभी हुआ प्रभात।।
                                   *©मुकेश शर्मा "ओम"*

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