Wednesday, May 15, 2019

बरवै छंद "साहिल" जी

🍁 *बरवै-छंद* 🍁
(विषम पदों में 12, सम पदों में 7 मात्राएँ)
चरणान्त 121 रखना है ।

मन मन्दिर बसते हैं,जय सियराम|
बिगड़े सब होते हैं, पूरन काम||
जीवन  मेरा   तारो,  तारनहार|
संकट  सारे   काटो, पालनहार||

© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'

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