Thursday, May 16, 2019

घनाक्षरी प्रकार

1. मनहरण घनाक्षरी (31वर्ण) -8, 8, 8, 7 या 16,15 या 17,14 पर यति अंत में लघु,गुरु वर्ण होता है।

2. रूप घनाक्षरी (32 वर्ण) -8, 8, 8, 8 अंत में गुरु-लघु होता है।

3. जलहरण घनाक्षरी (32 वर्ण) -8, 8, 8, 8 अंत में लघु-लघु होता है।

4. जनहरण घनाक्षरी (31 वर्ण) - पहले 30 वर्ण लघु और अंत में गुरु होता है।

5.  डमरू घनाक्षरी (32 वर्ण) - सभी 32 वर्ण बिना मात्रा के लघु वर्ण होते है।

6. विजया घनाक्षरी (32 वर्ण) -8, 8, 8, 8 अंत में लघु-गुरु होता है।

7. कृपाण घनाक्षरी (32 वर्ण) -8, 8, 8, 8 अंत में गुरु-लघु होता है।

8. हरिहरण घनाक्षरी (32 वर्ण) -8, 8, 8, 8 अंत में लघु-लघु होता है। अंत के ये दोनों लघु वर्ण, प्रत्येक चरण में नियत रहते हैं।

9.  सूर घनाक्षरी (30 वर्ण) -8, 8, 8, 6 अंत में गुरु या लघु कुछ भी ही सकता है।
*****

No comments:

Post a Comment

प्रेमचंद रेडियो पर काव्यपाठ

मुंशी प्रेमचंद मार्गदर्शन केंद्र ट्रस्ट लमही वाराणसी उ.प्र. द्वारा संचालित रेडियों प्रेमचंद एप जिसके स्र...