सतर्कता , चैतन्यता , जागरूकता तीन ।
यह ही त्रिमुखी ज्योति है,समझो इसे प्रवीन ।।
समझो इसे प्रवीन, लक्ष्य जीवन दिख जाता ।
परमेश्वर की श्रेष्ठ , राह पर वह टिक जाता ।।
कह"अनंग"करजोरि , दूर हो जाय .व्यर्थता ।
जागरूक , चैतन्य , आत्मा की सतर्कता ।।
अनंग पाल सिंह भदौरिया"अनंग"
आप सभी के लिए एक नये रूप में। साहित्यिक सांस्कृतिक सामाजिक जानकारी। प्रदेश अध्यक्ष नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत " विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत छतरपुर ( मध्यप्रदेश )
Wednesday, May 22, 2019
अनंग पाल सिंह भदौरिया"अनंग"- 5
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