Sunday, March 3, 2019

विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत

*विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत*

उद्देश्य :~👇

१- साहित्यिक क्षेत्र में संरक्षण-संवर्धन व प्रकाशन कार्य द्वारा समाज में प्रेम एवं सद्भाव को बढ़ावा देना तथा उपयुक्त सहायता उपलब्ध करना।
२- महिला सशक्तिकरण हेतु स्त्री-शक्ति संवर्धन निमित्त कार्य करना |
३- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हित रक्षण हेतु कार्ययोजना बनाना और कार्यक्रम आयोजन करना।
४- शिक्षा के क्षेत्र में विविध कार्य संपादन को निरत रहना और प्रकाशन सहित शिक्षण संस्थाओं का संचालन किया जा सकेगा।
५-सामाजिक उन्नयन हेतु भारतीय परम्पराओं का अनुपालन करते हुए प्रदेश व देश-विदेश में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकेगा |
६- ट्रस्ट, उद्देश्यों की पूर्ति हेतु आवश्यकता होने पर बैंकों/वित्तीय संस्थाओं के अतिरिक्त अन्य व्यक्तियों से भी ब्याज-युक्त या ब्याज-मुक्त ऋण ले व दे सकेगा।
७-ट्रस्ट, भूमि-भवन को भी सामंजस्य पूर्ण तरीके से नियमानुसार स्वेच्छा से अधिग्रहीत कर सकेगा अथवा दानस्वरूप या अन्य सुसंगत नियमों के अन्तर्गत ट्रस्ट सम्पत्ति का संग्रह किया व लिया जा सकेगा।ट्रस्ट के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु भवन किराये पर भी लिया जा सकेगा।
८-ट्रस्ट समाज में फैले भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष हेतु साहित्य प्रकाशन एवं साहित्यिक गतिविधियाँ संचालित कर सकेगा।
९-ट्रस्ट, अपने कार्यक्रमों एवं उद्देश्यों की पूर्ति हेतु विभिन्न समितियों एवं उपसमितियों का निर्माण कर सकेगा, जिसमें ट्रस्टी/ट्रस्टियों के अतिरिक्त अन्य सक्रिय नागरिकों का भी सहयोगावरण किया जायेगा।उन आम समितियों एवं उपसमितियों हेतु सदस्य, नियम, उपनियम ट्रस्ट द्वारा ही निर्धारित किये जायेंगे, जो समितियों/उपसमितियों हेतु पूर्णतः मान्य होंगे।समितियों/उपसमितियों को भंग करने अथवा पूर्णत: ग्रहण व त्याग करने के साथ पुनर्गठन/स्थापन व विखंडन का अधिकार भी ट्रस्ट को ही होगा।
१०- ट्रस्ट, अपने समान उद्देश्यों वाले दूसरे ट्रस्टों अथवा संस्थाओं को आर्थिक सहायता अनुदान के रूप में दे व ले सकेंगा।
११-ट्रस्ट, आवश्यकतानुसार सम्मेलन, विविध आयोजन, गोष्ठियाँ, सभा इत्यादिक कार्यक्रमों को कर सकेगा, इस हेतु साहित्य प्रकाशन व वितरण भी कर सकेगा।अन्य योजनाएँ बनाने एवं क्रियान्वित करेने के साथ इस हेतु कार्यकर्ताओं की नियुक्ति, पदोन्नित-पदावतन व कार्यमुक्ति का अधिकार भी ट्रस्ट को होगा।
१२- ट्रस्ट अन्य संस्थाओं के श्रेष्ठ साहित्य का भी विधिक प्रकाशन व क्रय-विक्रय कर सकेगा तथा कार्यक्रम विस्तार हेतु प्रमाणित माध्यमों से अन्न, धन एवं जीवनोपयोगी वस्तुओं को अनुदान के रूप में ले व दे सकेगा | श्रमदान प्राप्त कर सकेगा।
१३-ट्रस्ट, अपने उद्देश्यों की पूर्ति हेतु कालान्तर में गृह उद्योगों/कुटीर उद्योगों की स्थापना कर सकेगा एवं उसके अन्तर्गत प्रशिक्षण देने व व्यवस्था संचालन निमित्त विविध कर्म-निरत रहने का भी कार्य कर सकेगा।
१४- ट्रस्ट, अभावग्रस्त जनहितार्थ स्वाबलंबन विद्यालयों को भी स्थापित कर सकेगा, जिसके अन्तर्गत प्रशिक्षकों हेतु कुटीर उद्योगों के विकास से सम्बंधित तकनीकी ज्ञान के प्रशिक्षण आदि की समुचित व्यवस्था की जा सकेगी।ट्रस्ट आयुर्वेदिक औषधियों इत्यादि निर्मित वस्तुओं का विपणन व वितरण कर सकेगा और कालान्तर में समर्थ होने पर उत्पादनादिक कार्य भी किए जा सकेंगे |
१५-ट्रस्ट किसी भी प्रकार से व्यक्तिगत, पारिवारिक स्तर पर या विशेष दृष्टि से विज्ञवर को देश-विदेश से बुलवाकर या अपने यहाँ से देश-विदेश में जाकर/व्यक्ति/समूह भेजकर  शिविरों (एकदिवसीय/बहुदिवसीय,पाक्षिक, मासिक, वार्षिक) का आयोजन कर सकेगा।
१६ - ट्रस्ट अपने कार्य संचालन हेतु आवश्यक नियम-उपनियम बनाता रहेगा तथा आवश्यकतानुसार उनमें परिवर्तन-परिवर्धन भी करता रहेगा, किन्तु इस कारण संस्थान के संस्थापन के उद्देश्यों,लक्ष्यों एवं भावनाओं का उल्लंघन नहीं होगा।
१८. ट्रस्ट द्वारा साहित्य के साथ विविध कलाओं/क्षेत्रों में भी कार्य विस्तार किया जा सकेगा , साथ ही क्षेत्र विशेष से चयनित एवम पुरस्कृत करने का कार्य भी किया जा सकेगा |
१९. ट्रस्ट, प्रकाशन सहित विविध कार्य हेतु अपने संस्थानों की स्थापना  व संचालन कर सकेगा, इस हेतु सर्वाधिकार ट्रस्ट का रहेगा |
२०. ट्रस्ट द्वारा जनहितार्थ लोकमंगल की भावना से योग, आयुर्वेद, पर्यावरण, गो, जल-थल-वायु प्रदूषण निवारण व सामयिक उत्थापन , जनकौशल विकास व धनार्जन/संग्रह  हेतु विविध प्रकल्पों का आरंभ व संचालन इत्यादिक कार्य किए जा सकेंगे, जिन पर सर्वाधिकार ट्रस्ट का रहेगा |
२२. ट्रस्ट सहकार की भावना से स्थापित किया जा रहा है , जो समाज, ग्राम-नगर से लेकर देशोत्थान की दृष्टि से कार्य करेगा और इस निमित्त कार्यक्रम व योजनाएँ बनाकर संचालित व नियंत्रित करता रहेगा , जिन पर ट्रस्ट का एकाधिकार रहेगा |
२३. ट्रस्ट, कालान्तर में व्यावसायिक समूह के रूप में भी पंजीकृत होकर देशोन्नति में योगदान देने सी भावना रखता है, परन्तु वह सब अलग प्रकल्प होंगे | ट्रस्ट की मूल भावना बरकरार रखते हुए कार्य विस्तार होता रहेगा |

        प्रदेश अध्यक्ष
नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत "
विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत
   छतरपुर  ( मध्यप्रदेश )
मो:- 8109643725

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