Wednesday, March 6, 2019

आ० हीरालाल यादव जी

2122 1212 22

सबसे  दुनिया  में  दोस्ती रखिए।
अपनी ख़ुशहाल ज़िन्दगी रखिए।

लुत्फ  खो  जाए  ज़िन्दगानी का
दिल  में  इतनी  न बेरुखी रखिए।

चैन   की   साँस   चाहते   हैं  तो
ख्वाहिशों  में  ज़रा  कमी रखिए।

हर   तरफ   झूठ   के   अँधेरे   हैं
सँग  सदाकत  की रोशनी रखिए।

हो  बशर  देवता  नहीं  मुमकिन
बस बना ख़ुद को आदमी रखिए।

बुझ  सके  आप से यहाँ जितनी
उतनी ही ख़ुद में तिष्नगी रखिये।

बह रही दिल में जो मुहब्बत की
बाँध  कर  के  न वो नदी रखिए।

हाँथ   मायूसियों   ही   आनी हैं
जग से उम्मीद मत कोई रखिए।

मुल्क  की  बात  हो जहाँ *हीरा*
दूर  आपस  की  दुश्मनी रखिए।

                 हीरालाल

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