Friday, March 22, 2019

डॉ. राहुल शुक्ल साहिल जी




*कुण्डलिया छंद*

होली की रंगत चढ़ी, मित्र पिलाएँ भंग|
अंग अंग हरकत करे, खूब रचा है रंग||
खूब रचा है रंग, चली हुड़दंगी टोली|
आज लगाओ रंग, संग में हो हमजोली|
छोड़ो सारे बैर, प्रीत है भाषा बोली|
तन की मन पर जीत, मेल करवाती होली||

© डॉ० राहुल शुक्ल 'साहिल'









1 comment:

  1. बहुत ही बेहतरीन अद्भुत अविस्मरणीय कार्यक्रम अपने लोगों के साथ अपना कार्यक्रम, यादगार होली मिलन उत्सव के लिए सभी संजीवनी सदस्यों को कोटि कोटि बधाई एवं धन्यवाद च

    ReplyDelete

'कात्यायनी' काव्य संग्रह का हुआ विमोचन। - छतरपुर, मध्यप्रदेश

'कात्यायनी' काव्य संग्रह का हुआ विमोचन।  छतरपुर, मध्यप्रदेश, दिनांक 14-4-2024 को दिन रविवार  कान्हा रेस्टोरेंट में श्रीम...