*ग़ज़ल*
221 2121 1221 212
आने लगी है काम दवा भी दुआ के साथ।
जोड़ा है जब से रूह को मैने ख़ुदा के साथ।
मिलता नहीं हो मान जहाँ जा के वहाँ पर
खिलवाड़ कीजिए नहीं अपनी अना के साथ।
नाकाम बैरियों की सभी कोशिशों को कर
लहरा रहे जवान तिरंगा हवा के साथ।
होना सफल है उसका हरिक हाल में यहाँ
होता शुरू जो काम है माँ की दुआ के साथ।
*हीरा* जिसे है पाल पोस कर बड़ा किया
रहती नहीं औलाद वही माँ-पिता के साथ।
हीरालाल
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